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पाठ - 1 "मानव भूगोल के मूल सिद्धांत"

 

दो अंक वाले प्रश्न 

प्रश्न 1. मानव भूगोल मानव समाजों और धरातल के बीच संबंधों का संश्लेषित अध्ययन है। " मानव भूगोल की यह परिभाषा किस भूगोल वेत्ता द्वारा दी गई है?

 उत्तरः रैटजेल 

प्रश्न 2. मनुष्य ने रहने के लिये घर बनाया, नदी पार करने के लिये पुल बनाया मनुष्य के इन प्रयासों को हम मानव भूगोल की किस विचारधारा के अंतर्गत रख सकते हैं। 

उत्तर : संभावना वाद या संभव वाद। 

प्रश्न 3. प्राकृतिक पर्यावरण से अन्योन्यक्रिया की आरंभिक अवस्था में मानव प्राकृतिक पर्यावरण से अत्यधिक प्रभावित हुआ उसने प्रकृति के आदेशों के अनुसार अपने आप को ढाल लिया मानव के सामाजिक विकास की इस अवस्था को किस नाम से जाना जाता है। 

उत्तर : पर्यावरणीय निश्चयवाद 

प्रश्न 4. नवनिश्चयवाद अथवा रूको और जाओ निश्चयवाद की संकल्पना किस भूगोलवेता द्वारा प्रस्तुत की गई।

 उत्तर : आस्ट्रेलियाई भूगोलवेता ग्रिफिथ टेलर 

प्रश्न 5. ट्रॅॉन्डहाईम व उन जैसे संसार के विभिन्न क्षेत्रों के लोग प्रकृति द्वारा आरोपित अवरोधो पर विजय पाने में सक्षम हुए हैं। स्पष्ट कीजिए?

उत्तर : संसार के विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी का विकास करके लोग प्रकृति के अवरोधों पर विजय पाने में सक्षम हुए हैं। सर्दियों से बचने के लिये कृत्रिम उपकरणों का प्रयोग करते है।

 प्रश्न 6. मानव भूगोल अध्ययन के उपागम के रूप में मानवतावादी एंव व्यवहारवादी विचारधाराओं का उदय कब हुआ।

 उत्तर : 1970 के दशक में। 

प्रश्न 7. उपनिवेश युग में अन्वेषणों को गति मिली इससे मानव भूगोल के अध्ययन में क्या मदद मिली? 

उत्तर : 1) विश्व के विभिन्न क्षेत्रों से परिचित हुआ।

2) विभिन्न प्रदेशों के संसाधनों का ज्ञान हुआ और पहुँच बनी।

प्रश्न 8. राजनीतिक भूगोल के दो उपक्षेत्र कौन से हैं ? 

उत्तर : निर्वाचन भूगोल व सैन्य भूगोल। 

प्रश्न 9. मानव भूगोल के अध्ययन के रूप में 'प्रादेशिक विश्लेषण' किस समय अवधि में उपागम के रूप में प्रचलित हुआ ? 

उत्तर : उत्तर उपनिवेश युग में। 

प्रश्न 10. अभाव की अवस्था से स्वतंत्रता की अवस्था ने किस विचारधारा को

जन्म दिया? 

उत्तर : संभावनावाद।

 प्रश्न 11. भूगोल में द्वैतवाद बौद्धिक अध्ययन का महत्वपूर्ण विषय रहा है।

परन्तु अंततः प्रकृति एवं मानव के बीच वैध द्वैधता नही है। क्यों

कारण स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : क्योंकि प्रकृति और मानव अविभाज्य तत्व है, इन्हें समग्रता में ही देखना उचित है।

लघु उत्तरीय  प्रश्न  

12. मानव भूगोल की परिभाषा दीजिए एवं इसके प्रमुख अध्ययन क्षेत्र बतायें। 

उत्तर : भौगोलिक वातावरण तथा मानवीय क्रियाओं के अतसंबंधों तथा विभिन्नताओं का अध्ययन ही मानव भूगोल है। रैटजल के अनुसार - 'मानव भूगोल मानव समाजों तथा धरातल के बीच सम्बन्धों का संश्लेषित अध्ययन हैं। मानव भूगोल के प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित है :-

(क) सांस्कृतिक भूगोल

(ख) सामाजिक भूगोल 

(ग) नगरीय भूगोल

(घ) जनसंख्या भूगोल 

(ड) राजनीतिक भूगोल

(च) आवास भूगोल

 (छ) आर्थिक भूगोल 

प्रश्न 13. "भौतिक भूगोल और मानव भूगोल के तत्वों के मध्य परस्पर अन्योन्यक्रिया होती है। ' इस कथन को उपयुक्त उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए।

 उत्तर : भौतिक भूगोल और मानव भूगोल के तत्वों के मध्य परस्पर अन्योन्यक्रिया होती है। भौतिक भूगोल के विभिन्न लक्षण जैसे भूमि की बनावट, जलवायु, मिट्टी, पदार्थ जल तथा वनस्पति मनुष्य के रहन-सहन तथा आर्थिक सामाजिक क्रियाओं पर प्रभाव डालते हैं। प्रकृति मनुष्य के कार्य एवं जीवन को निश्चित करती हैं मानव जीवन को निश्चित करती है। मानव जीवन प्राकृतिक साधनों पर ही आधारित है उन्हीं प्राकृतिक साधनों द्वारा मानव के रोज़गार फसल चक्र परिवहन के साधन आदि सभी प्रभावित होते हैं। प्रकृति मानव विकास के भरपूर अवसर प्रदान करती है और मानव इन अवसरों का उपयोग विकास के लिए करता है।

 प्रश्न 14. प्रकृति और मनुष्य आपस में इतनी जटिलता से जुड़े हुए हैं कि उन्हे एक दूसरे से अलग नही किया जा सकता है। "कथन को प्रमाणित कीजिए। 

उत्तर: प्रकृति और मनुष्य आपस में जटिलता से जुड़े है।

1. प्रकृति और मानव को एक दूसरे से अलग नही किया जा सकता। 

2. आपसी अन्योन्य क्रिया द्वारा मनुष्य ने प्राकृतिक पर्यावरण में सामाजिक और सांस्कृतिक पर्यावरण की रचना की है।

 3. भौतिक और मानवीय परिघटनाओं का वर्णन प्राय रूपकों के रूप में किया जाता है जैसे पृथ्वी के रूप, तूफान की आँख, नदी का मुख आदि।

प्रश्न 15.मानव भूगोल के अध्ययन की विषय वस्तु क्या है किन्ही तीन तथ्यों की व्याख्या कीजिए?

 उत्तरः मानव भूगोल के अध्ययन की विषय वस्तु के तीन महत्व पूर्ण तथ्य निम्न है। 

1) भौतिक पर्यावरण व मानव जगत के बीच अन्योन्यक्रिया द्वारा निर्मित सांस्कृतिक वातावरण का अध्ययन।

 2) पृथ्वी को मानव के घर के रूप में समझना और उन सभी तत्वों का अध्ययन करना जिन्होनें मानव को पोषित किया है।

 3) धरातल पर रहने वाले समस्त मानवीय जगत एवं उसकी क्षमता का अध्ययन करना। 

प्रश्न 16.अपनी प्रारंभिक अवस्था में मानववाद प्रकृति से अत्यधिक प्रभावित हुआ। इस कथन की पुष्टि कीजिए। 

उत्तर : 1) प्राकृतिक पर्यावरण से अन्योन्य क्रिया की आरंभिक अवस्था में मानव की प्रौद्योगिकी ज्ञान का स्तर अत्यन्त निम्न था उस समय सामाजिक विकास की अवस्था भी आदिम थी 

2) इस अवस्था में प्रकृति के समक्ष मानव निष्क्रिय था, प्रकृति के अनुसार ही मानव ही मानव स्वयं को ढालता था। 

3) इस अवस्था में मानव प्रकृति की सुनता था उसकी प्रचण्डता से भयभीत होता था मानव प्रकृति की पूजा करता था।

4) इस अवस्था में मानव ने अपने आप को प्रकृति के द्वारा दी गई सुविधाओं के अनुसार ढाल लिया था इस सामंजस्य को पर्यावरण निश्चयवाद कहा है। 

प्रश्न 17. "प्रकृति अवसर प्रदान करती है और मानव उसका उपयोग करता है इस प्रकार धीरे - धीरे प्रकृति का मानवीकरण हो जाता है।" मानव भूगोल की इस विचारधारा को किस नाम से जाना जाता है इसकी दो प्रमुख विशेषताएँ बताइए? 

उत्तर : 1) मानव भूगोल की इस विचारधारा को संभववाद के नाम से जाना जाता है.

2) समय के साथ मानव बेहतर तकनीक विकसित कर लेता है और पर्यावरण से प्राप्त संसाधनों के द्वारा संभावनाओं को जन्म देता है। 

3) इस अवस्था में मानवीय क्रियाएँ सांस्कृतिक भू पृष्ठ का निर्माण करती है और मानवीय क्रियाओं की छाप चारों और नजर आती है। 

प्रश्न 18. "नव निश्चयवाद संकल्पनात्मक ढंग से एक संतुलन बनाने का प्रयास करता है।" स्पष्ट कीजिए? अथवा "नव निश्चयवाद .... टेलर की देन है जो दो विचारधाराओं के मध्य

सतुंलन बनाने का प्रयास है"| स्पष्ट करें। 

उत्तर : 1) नव निश्चयवाद की संकल्पना ग्रिफिथटेलर द्वारा प्रस्तुत की गई। यह दो विचारों पर्यायवरणीय निश्चयवाद और संभववाद के मध्य के मार्ग को परिलक्षित करती है।

 2) यह संकल्पना दर्शाती है कि ना तो यह नितांत आवश्यकता की स्थिति है और न ही नितांत स्वतंत्रता की अवस्था है। 

3) इस संकल्पना के अनुसार मानव प्रकृति के नियमों का अनुपालन करके ही प्रकृति पर विजय प्राप्त कर सकता है। 

प्रश्न 19. मानव भूगोल की मानवतावादी विचारधारा से क्या आशय है? 

उत्तर : 1) मानवतावादी विचारधारा से आशय मानव भूगोल के अध्ययन को मानव के कल्याण एवं सामाजिक चेतना के विभिन्न पक्षों से जोड़ना था। 

2) इसका उदय 1970 के दशक में हुआ।

 3) इसके अंतर्गत आवास, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे पक्षों पर ध्यान केन्द्रित किया गया।

 4) यह मनुष्य की केन्द्रीय एवं क्रियाशील भूमिका पर बल देता हैं।

5) प्रादेशिक असमानतायें, निर्धनता, अभाव जैसे विषयों के कारण एवं निवारण पर ध्यानाकर्षित करता है 

प्रश्न 20. नव निश्चयवाद की कोई तीन विशेषताएँ बताइए। 

उत्तर : इस विचारधारा के जनक ग्रिफिथ टेलर महोदय है।

1. यह विचारधारा पर्यावरणीय निश्चयवाद और सम्भावनावाद के बीच के मार्ग को प्रस्तुत करती है। 

2. यह पर्यावरण को नुकसान किये बगैर समस्याओं को सुलझाने पर बल देती है। पर्यावरणीय निश्चयवाद के अनुसार मनुष्य न तो प्रकृति पर पूरी तरह निर्भर हो कर रह सकता और न ही प्रकृति से स्वतंत्र रह कर जी सकता है प्रकति पर विजय पाने के लिये प्रकृति के ही नियमों का पालन करना एवं उसे विनाश से बचाना होगा। प्राकृतिक देनों का प्रयोग करते हये प्रकृति की सीमाओं का ख्याल रखना चाहिये। उदाहरणार्थ औद्योगीकरण करते हुये जंगलों को नष्ट होने से बचाना । खनन करते समय अति दोहन

से बचाना। 

प्रश्न 21.नियतिवाद तथा संभववाद में अन्तर स्पष्ट करें। 

उत्तर: १) नियतिवाद के अनुसार मनुष्य प्रत्येक क्रियाकलाप को पर्यावरण से नियंत्रित माना जाता है जबकि संभववाद/संभावनावाद विचारधारा के अनुसार मनुष्य अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में समर्थ है तथा वह प्रकृति प्रदत्त अनेक संभावनाओं का इच्छानुसार अपने लाभ के लिए उपयोग कर सकता है। 

2) नियतिवाद के अनुसार मानव की आदिम अवस्था में मानव के लगभग सभी क्रियाकलाप पूर्णतया प्राकृतिक पर्यावरण की शक्तियों द्वारा नियंत्रित थे जबकि संभावनावाद विचारधारा के अनुसार मानव का प्रकृति पर निर्भरता की अवस्था से स्वतंत्रता की अवस्था की ओर प्रस्थान संभव है.

3) रैटजेल, रिटर, हम्बोल्ट, हटिगंटन आदि नियतिवाद के प्रमुख समर्थक थे जबकि  विडाल-डी-ला ब्लाश तथा लुसियन फैब्रे  संभावनावाद विचारधारा को मानने वाले प्रमुख थे।

4) नियतिवाद सामान्यतः मानव को एक निष्क्रिय कारक समझता हैं, जो पर्यावरणीय कारकों से प्रभावित होता है। उदाहरण-आदिवासियों की प्रकृति पर  निर्भरता, किसानों की जलवायु पर निर्भरता,जलवायु के अनुसार शारीरिक गठन आदि  जबकि संभववाद प्रकृति की तुलना में मनुष्य को महत्वपूर्ण स्थान देता और उसे सक्रिय शक्ति  के रूप में देखता है। उदाहरण- नदी पर पुल, खेती, परिवहन ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 22.प्रौद्योगिकी के विकास के लिए प्रकृति का ज्ञान किस प्रकार महत्वपूर्ण है ? उपयुक्त उदाहरणों से स्पष्ट करो?

 उत्तर : 1) प्रौद्योगिकी किसी भी समाज के सांस्कृतिक विकास के स्तर की सूचक हाती है। मानव प्रकृति के नियमों को समझकर ही प्रौद्योगिकी का विकास कर सकता है। जैसे घर्षण व ऊष्मा की सोच ने आग की खोज में सहायता की। 

3) डी.एन.ए. तथा आनुवांशिकी की रहस्यों ने अनेक बीमारियों पर विजय पाने में सहायता की। 

4) वायु की गति के नियमों के प्रयोग से अधिक तीव्र गति से चलने वाले वायुयान विकसित किए गए। 

5) प्रकृति के ज्ञान के आधार पर ही सांस्कृतिक वातावरण का निर्माण होता है। 

प्रश्न 23."प्रकृति पर मानव प्रयासों की छाप स्पष्ट दिखाई देती है।" उपर्युक्त उदाहरणों द्वारा स्पष्ट कीजिए।

 उत्तर : प्रकृति अवसर प्रदान करती है और मानव उनका उपयोग करता है। धीरे-धीरे प्रकृति का मानवीकरण हो जाता है तथा प्रकृति पर मानव प्रयासों की छाप पड़ने लगती है जैसे 

तरंगित पहाड़ियों में चरागाहों का उपयोग।

महासागरों का समुद्री मार्ग के रूप में उपयोग। 

उच्च भूमियों पर स्वास्थ्य विश्राम स्थल।

अन्तरिक्ष में उपग्रह प्रक्षेपण।।

कृषि, नगर, पुलों का निर्माण आदि। 

प्रश्न 24.समय के साथ मानव भूगोल को स्पष्ट करने वाले उपागमों में परिवर्तन आया है। मानव भूगोल के उपगमों में यह गात्यात्मकता विषय की परिवर्तन शील प्रकृति को दर्शाती हैं। इस कथन के संदर्भ में मानव भूगोल के प्रमुख उपागमों का उल्लेख कीजिए।

 उत्तर : 1) पहले विभिन्न समाजों के बीच अन्योन्यक्रिया नगण्य थी और एक दूसरे के विषय में ज्ञान सीमित था

 2) संसार के विभिन्न देशों में यात्रा करने वाले यात्री क्षेत्रों के विषय में सूचनाओं का प्रचार किया करते थे।

3) 15 वीं शताब्दी के अन्त में यूरोप में अन्वेषणों के प्रयास शुरू हुए और धीरे - धीरे लोगों व देशों के विषय में मिथक व रहस्य खुलने शुरू हुए। उपनिवेशिक युग में अन्वेषणों को आगे बढाने के लिए गति प्रदान की ताकि प्रदेशों के संसाधनों तक पहुंचा जा सके और उनके विषय में तालिका युक्त सूचनाएँ प्राप्त हो सकें।

 5) 1970 के बाद के दशकों में मानव भूगोल में मानवतावादी आमूलवादी और व्यवहारवादी विचारधाराओं का उदय हुआ इनके उदय ने मानव भूगोल को सामाजिक-राजनीतिक यथार्थ के प्रति अधिक प्रासंगिक बना दिया।

पाठ - 2  "विश्व जनसंख्या "

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. जनसंख्या घनत्व किसे कहते हैं ? 

उत्तर : प्रति इकाई क्षेत्रफल पर निवास करने वाले व्यक्तियों की औसत संख्या को जनसंख्या घनत्व कहते हैं। इसकी गणना निम्न प्रकार की जाती है

घनत्व = कुल जनसंख्या / कुल क्षेत्रफल  

प्रश्न 2. जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि की गणना कैसे की जाती है ? 

उत्तर : जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि की गणना दिए गए सूत्र द्वारा की जा सकती है। जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि = (जन्म-मृत्यु) + (आप्रवास-उत्प्रवास) 

प्रश्न 3. जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत का क्या उपयोग है ?

 उत्तर : जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत का उपयोग किसी क्षेत्र की जनसंख्या का वर्णन करने तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान के लिए किया जा सकता है। 

प्रश्न 4. किसी प्रदेश की मृत्यु दर किस प्रकार प्रभावित होती है ? 

उत्तर : किसी प्रदेश की मृत्यु दर वहाँ की जनांकिकीय संरचना /सामाजिक /सामाजिक उन्नति/ आर्थिक विकास के स्तर द्वारा प्रभावित होती है। 

प्रश्न 5. जनसंख्या वृद्धि एवं आर्थिक विकास में ऋणात्मक संबंध होता है। स्पष्ट कीजिए। उत्तर : विकसित देशों में विकासशील देशों की तुलना में जनसंख्या वृद्धि कम है। जो जनसंख्या वृद्धि और आर्थिक विकास में ऋणात्मक संबंध को स्पष्ट करती है।

प्रश्न 6. एशिया की जनसंख्या के सम्बन्ध में जार्ज क्रेसी की टिप्पणी क्या हैं? 

उत्तर : "एशिया में बहुत अधिक स्थानों पर कम लोग और कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग रहते है।

 प्रश्न 7. विश्व में जनसंख्या की वर्तमान वार्षिक वृद्धि दर (2004-2005) क्या है? 

उत्तर : विश्व जनसंख्या की वर्तमान वार्षिक वृद्धि दर 1.4 प्रतिशत है।

 प्रश्न 8. जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त की प्रथम अवस्था के दो महत्वपूर्ण लक्षण बताइए? 

उत्तर : उच्च प्रजननशीलता तथा उच्च मर्त्यता। 

प्रश्न 9. विश्व में किस देश की जनसंख्या की वृद्धि दर सर्वाधिक है?

उत्तर : लाईबेरिया (8.2 प्रतिशत) 

प्रश्न 10. विश्व में किस देश की वृद्धि दर सबसे कम है? 

उत्तर : लेटविया (1.5 प्रतिशत) 

प्रश्न 11. विकासशील (अफ्रीका) देशों में जीवन प्रत्याशा कम क्यों है?

 उत्तर : एच.आई.वी./एड्स जैसी जानलेवा बीमारियों के कारण। 

प्रश्न 12. जनांकिकीय चक्र क्या है? 

उत्तर : जैसे ही समाज ग्रामीण खेतीहर और अशिक्षित अवस्था से उन्नति करके नगरीय औद्योगिक व साक्षर बनता है वहाँ भी जनसंख्या उच्च जन्मदर व उच्च मृत्युदर से निम्न जन्मदर व निम्न मृत्युदर में परिवर्तित हो जाती है। ये परिवर्तन विभिन्न अवस्थाओं में होते है। इन्हें जनांकिकीय चक्र कहते हैं। 

प्रश्न 13. 'जनसंख्या वितरण' की परिभाषा लिखिए। 

उत्तर : जनसंख्या वितरण शब्द का अर्थ भूपृष्ठ पर वितरित लोगों के स्वरूप से है। 

प्रश्न 14. विश्व में कौन से देश अपनी जनसंख्या दो गुना करने में अधिक समय ले रहे हैं ?

उत्तर : विकसित देश।

 प्रश्न 15. जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि कब होती है ?

 उत्तर : जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि तब होती है जब दो समय अन्तरालों के बीच जन्म-दर, मृत्यु-दर से अधिक हो या जब अन्य देशों से लोग स्थायी रूप से उस देश में प्रवास करें। 

प्रश्न 16. "लोगों की संख्या खाद्य आपूर्ति की अपेक्षा अधिक तेजी से बढ़ती है। जिसका परिणाम अकाल, महामारी तथा युद्ध जैसी विपदाओं के रूप में नजर आता है।" जनसंख्या के विषय में यह विचार किस विद्वान का है। 

उत्तर : थामस माल्थस का 

प्रश्न 17. परिवार नियोजन का मुख्य काम क्या है? 

उत्तर : बच्चों के जन्म को रोकना अथवा उसमें अंतराल रखना। 

प्रश्न 18. जनसंख्या की अधिकतर वृद्धि विकासशील विश्व में हो रही है जहाँ जनसंख्या विस्फोट हो रहा है। ऐसा क्यों? कारण बताइए। 

उत्तर : विकासशील विश्व के देशों ने मृत्युदर पर तो काफी हद तक नियंत्रण कर लिया है परन्तु अभी जन्मदर उच्च बनी हुई है इसलिए इन देशों में अधिकतर जनसंख्या वृद्धि हो रही है।

 प्रश्न 19. किसी देश का वास्तविक धन क्या होता है ? 

उत्तर : उस देश के निवासी । 

प्रश्न 20. किस महाद्वीप में जनसंख्या वृद्धि दर सबसे अधिक है ? 

उत्तर : अफ्रीका (2.4%)| 

प्रश्न 21. जनसंख्या वृद्धि दर किस महाद्वीप में न्यूनतम है? 

उत्तरः यूरोप महाद्वीप

 प्रश्न 22. माल्थस सिद्धान्त क्या है ? 

उत्तर : थॉमस माल्थस सिद्धान्त (1893) के अनुसार लोगों की संख्या खाद्य आपूर्ति की अपेक्षा तेजी से बढ़ेगी। जनसंख्या में वृद्धि का परिणाम अकाल, बीमारी तथा युद्ध द्वारा उसमें अचानक गिरावट के रूप में सामने आएगा।

 प्रश्न 23. किसी देश की जनसंख्या का वितरण व घनत्व क्यों महत्वपूर्ण है ? 

उत्तर : जनसंख्या का वितरण व घनत्व उस देश की जनांकिकीय विशेषताओं को समझने में मदद करते हैं। 

प्रश्न 24.21 वीं शताब्दी के प्रारंभ में विश्व की जनसंख्या कितनी दर्ज की गई?

(उत्तरः लगभग 600 करोड़

लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 25. जनसंख्या वृद्धि दर क्या है? यह कितने प्रकार की होती है? संक्षेप  में बताइए।

उत्तरः किसी क्षेत्र में निश्चित समयावधि में जनसंख्या में होने वाले परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहते हैं। जब जनसंख्या परिवर्तन को प्रतिशत में व्यक्त किया है उसे जनसंख्या वृद्धि दर कहते हैं। जनसंख्या वृद्धि दर दो प्रकार की होती है:

(1) जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि दर-किन्ही दो समय अंतरालों के बीच जब जन्म दर, मृत्यु दर से अधिक हो जाती है, तब वह जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि दर कहलाती है। (2) जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि दर-किन्हीं दो समय अंतरालों के बीच जब जन्मदर, मृत्यु दर से कम हो जाती है, तब वह जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि दर कहलाती है। 

प्रश्न 26. "पृथ्वी पर जनसंख्या को इस आकार तक पहुँचने में कई शताब्दियाँ लगी है। आरंभिक कालों में यह धीरे-धीरे बढी परन्तु विगत सौ वर्षों के दौरान जनसंख्या आश्चर्य जनक दर से बढ़ी है। इस कथन के संदर्भ में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृति को तीन बिंदु में स्पष्ट कीजिए। 

अथवा विश्व में जनसंख्या परिवर्तन की विभिन्न प्रवृत्तियों का आदिकाल से लेकर अब तक का संक्षेप में वर्णन कीजिए। 

उत्तर : 1. लगभग 8000-12000 वर्ष कृषि के उद्धव व आरम्भ के बाद जनसंख्या का आकार बहुत छोटा था- लगभग 80 लाख थी । 

2. ईसा की पहली शताब्दी में जनसंख्या 30 करोड़ से कम थी। 1750 ई. के आसपास औद्योगिक क्रान्ति के समय विश्व की जनसंख्या 55 करोड़ थी। 

3. 18वीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति के बाद विश्व जनसंख्या में विस्फोटक वृद्धि हुई। प्रौद्योगिकी प्रगति ने मृत्यु दर घटाने व तेजी से जनसंख्या वृद्धि करने में सहायता की। आरम्भ में जनसंख्या को 1 करोड़ होने में 10 लाख से भी अधिक वर्ष लगे। परन्तु अब इसे 5 अरब से 6 अरब होने में मात्र 12 वर्ष लगे। 

प्रश्न 27. प्रवास के प्रमुख अपकर्ष कारकों को स्पष्ट कीजिए।

 उत्तर : प्रवास के अपकर्ष कारक गंतव्य स्थान को उद्गम स्थान की अपेक्षा अधिक आकर्षक बनाते हैं। ये कारक निम्न हैं:

1) काम के बेहतर अवसर

 2) रहन-सहन की अच्छी दशाएँ 

3) शान्ति व स्थायित्व

4) अनुकूल जलवायु

5) जीवन व सम्पत्ति की सुरक्षा 

प्रश्न 28. प्रवास के प्रमुख प्रतिकर्ष कारकों को स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : प्रवास के प्रतिकर्ष कारक उद्गम स्थान को उदासीन स्थल बनाते है। इन कारणों की वजह से लोग इस स्थान को छोड़कर चले जाते है। ये प्रमुख कारक निम्न है:

1) रहन-सहन की निम्न दशाएँ 

2) राजनैतिक परिस्थितियाँ 

3) प्रतिकूल जलवायु 

4) प्राकृतिक विपदाएँ 

5) महामारियाँ

6) आर्थिक पिछड़ापन 

प्रश्न 29. जनसंख्या परिवर्तन के तीन प्रमुख कारकों को स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : जनसंख्या परिवर्तन के तीन प्रमुख घटक निम्न है।

1) जन्मदर :- अशोधित जन्म दर को प्रति हजार स्त्रियों द्वारा जन्म दिए गए जीवित बच्चों के रूप में व्यक्त किया जाता है। इसके उच्च होने या निम्न होने का जनसंख्या परिवर्तन से सीधा संबंध है। 

2) मृत्युदर :- मृत्युदर भी जनसंख्या परिवर्तन में सक्रिय भूमिका निभाती है। जनसंख्या वृद्धि केवल बढ़ती जन्मदर से ही नहीं होती अपितु घटती मृत्युदर से भी होती है।

3) प्रवास :- प्रवास के द्वारा जनसंख्या के आकार में परिवर्तन होता है इसके अंतर्गत उद्गम स्थान को छोड़कर जाना व गंतव्य स्थान पर आकर बसना दोनों सम्मिलित है। प्रवास स्थायी व मौसमी दोनों प्रकार का हो सकता है। यह जनसंख्या परिवर्तन में योगदान देता है।

प्रश्न 30. किसी क्षेत्र में जनसंख्या वृद्धि व ह्रास  के प्रमुख परिणामों को स्पष्ट कीजिए।  उत्तर : किसी देश की जनसंख्या वृद्धि वहाँ के आर्थिक विकास पर धनात्मक व ऋणात्मक दोनो प्रकार का प्रभाव डाल सकती है। 

जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याएँ : 

1) संसाधनों पर अत्याधिक भार।

2) संसाधनों का तीव्र गति से हास। 

3) जनसंख्या के भरण पोषण में कठिनाई।

4) विकास की गति का अवरूद्ध होना। 

जनसंख्या हास के परिणाम :

1) संसाधनों का पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता। 

2) समाज की आधारभूत संरचना स्वयं ही अस्थिर हो जाती है।

3) देश का भविष्य चिंता व निराशा में डब जाता है।

 प्रश्न 31. विश्व में उच्च जनसंख्या घनत्व वाले प्रमुख क्षेत्रों के नाम बताइए। 

उत्तर : विश्व में उन स्थानों को जहाँ जनसंख्या घनत्व 200 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मी. से अधिक है सघन आबाद या उच्च घनत्व वाले क्षेत्रों में सम्मिलित करते है। संसार मे ऐसे चार प्रमुख क्षेत्र है। 

1) संयुक्त राज्य अमेरिका का उत्तरपूर्वी भाग 

2) यूरोप का उत्तर पश्चिमी भाग 

3) दक्षिणी एंव दक्षिणी पूर्वी एशिया

4) नील नदी की घाटी 

प्रश्न 32. विज्ञान व प्रौद्योगिकी ने किस प्रकार जनसंख्या वृद्धि में सहायता की है। तीन बिंदुओं में स्पष्ट कीजिए।

अथवा जनसंख्या की वृद्धि व नियंत्रण दोनों परिस्थिति में विज्ञान व प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। 

उत्तर : 1) विज्ञान प्रौद्योगिकी ने कृषि व औद्योगिकरण को बढ़ावा दिया जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई तथा जनसंख्या में वृद्धि हुई। 

2 ) विज्ञान व प्रौद्योगिकी के बल पर ही भयंकर बीमारियों व संक्रामक रोगों के रोकथाम हुई व मृत्युदर पर नियंत्रण हुआ।

3) विज्ञान व प्रौद्योगिकी की उन्नति ने लोगों के रहन-सहन की दशाओं में सुधार किया उन्हें आरामदायक बनाया, जिससे जनसंख्या में वृद्धि हुई। 

प्रश्न 33. मानसून एशिया में जनसंख्या के उच्च घनत्व के प्रमुख कारण बताइए। 

उत्तर : 1.  इस क्षेत्र में चीन, भारत, बांगलादेश, जापान, सिंगापुर, तथा इंडोनेशिया व जावा द्वीप प्रमुख है।

2. इन क्षेत्रों में मिट्टी उपजाऊ है तथा वर्ष पर्याप्त मात्रा में हो जाती हैं 

3. अनुकूल दशाओं के कारण चावल की एक वर्ष में दो तीन फसलें उगाई जाती है। 4. अधिकतर जनसंख्या कृषि पर आधारित है। 

5. कहीं-कहीं तो जनसंख्या का घनत्व 400 से 800 व्यक्ति प्रति वर्ग कि.मी. है। 

प्रश्न 34. जनसंख्या नियंत्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सरकार क्या तरीके अपना रही है ?

 उत्तर : 1) परिवार नियोजन कार्यक्रमों का विस्तार

2) अच्छे गर्भ निरोधकों का प्रचार व सरलता से उपलब्ध कराना।

3) शिक्षा का प्रसार, विशेष कर स्त्रियों में। 

प्रश्न 35. सघनता के आधार पर विश्व को कितने वर्गों में बाँटों जा सकता है। उदाहरण सहित बताइए। 

उत्तरः सघनता के आधार पर विश्व को मोटे तौर पर 3 वर्गों में बाँटा जा सकता है।:-

1. 200 व्यक्ति/कि.मी/सघन आबाद क्षेत्र :-सयुंक्त राज्य अमेरिका का उत्तर पूर्वी भाग, यूरोप का उत्तर पश्चिम व दक्षिण भाग, दक्षिण, दक्षिण पूर्वी एशिया।

 2. 11 से 50 व्यक्ति/कि.मी./मध्यम घनत्व क्षेत्र:-एशिया में पश्चिम चीन, दक्षिण, यूरोप में नार्वे और स्वीडन। 

3. <1 व्यक्ति/कि.मी/विरल प्रदेश:-उत्तर व दक्षिण ध्रुवों के निकट,उष्ण व शीत मरूस्थल, विषुवत रेखा के निकट के क्षेत्र। 

प्रश्न 36. विश्व में जनसंख्या परिवर्तन के स्थानिक प्रतिरूप को समझाये। 

उत्तरः विश्व में जनसंख्या परिवर्तन के स्थानिक प्रतिरूप:-

  •  जनसंख्या वृद्धि और आर्थिक विकास में ऋणात्मक संबंध है। इसी कारक से विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में जनसंख्या वृद्धि दर अधिक है।

  • विश्व में जनसंख्या परिवर्तन की दर बहुत निम्न (1.4%) है, फिर भी जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। 

  • जब निम्न वार्षिक दर बहुत बड़ी जनसंख्या पर लागू होती है तो इससे कुल जनसंख्या में विशाल परिवर्तन होता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 37. विश्व में जनसंख्या के वितरण एवं घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए।

या  'विश्व में जनसंख्या का वितरण असमान है। इस कथन के संदर्भ में प्रमुख कौन-से कारक जनसंख्या वितरण को प्रभावित करते हैं? 

उत्तर : विश्व में जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्न है:-

1. प्राकृतिक कारक 

(क) उच्चावच :- पर्वतीय, पठारी अथवा ऊबड़-खाबड़, प्रदेशों में कम लोग रहते हैं जबकि मैदानी क्षेत्रों में लोगों का निवास अधिक होता है क्योंकि इन क्षेत्रों में भूमि उर्वरक होती है और कृषि की जा सकती है। यही कारण है कि नदी घाटियों जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, ह्वांग -हो आदि की घाटियाँ अधिक घनी बसी है। 

(ख) जलवायु :- अत्यधिक गर्म या अत्यधिक ठंडे भागों में कम जनसंख्या निवास करती है। ये विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं जैसे मरूस्थल व पहाड़ी क्षेत्र मानसून प्रदेशों में अधिक जनसंख्या निवास करती है - जैसे एशिया के देश।

(ग) मृदा :- जनसंख्या के वितरण पर मृदा की उर्वरा शक्ति का बहुत प्रभाव पड़ता है। उपजाऊ मिट्टी वाले क्षेत्रों में खाद्यान्न तथा अन्य फसलें अधिक पैदा की जाती हैं तथा प्रति हेक्टेयर उपज अधिक होती है। इसलिए नदी घाटियों की उपजाऊ मिट्टी वाले क्षेत्र अधिक घने बसे हैं। 

(घ) जल की उपलब्धता :- लोग उन क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता देते हैं जहाँ जल आसानी से उपलब्ध होता है। यही कारण है कि नदी घाटियाँ विश्व के सर्वाधिक सघन बसे हुए क्षेत्र हैं। 

(ङ) वनस्पति:- अधिक घने वनों के कारण भी जनसंख्या अधिक नहीं पाई जाती है लेकिन कोणधारी वनों की आर्थिक उपयोगिता अधिक है। इसलिए लोग उन्हें काटने के लिए वहाँ बसते हैं।

2. आर्थिक कारक :

क) परिवहन का विकास :- परिवहन के साधनों के विकास से लोग दूर के क्षेत्रों से परिवहन के बेहतर साधनों से जुड़ जाते हैं विश्व के सभी परिवहन साधनों से जुड़े क्षेत्र सघन आबाद हैं। 

ख ) नगरीकरण और औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों और नगरीय केंद्रों की वृद्धि एक उच्च जनसंख्या घनत्व को आकर्षित करती है। 

ग ) खनिज निक्षेपों से युक्त क्षेत्र आर्थिक रूप से लोगों को आकर्षित करते हैं। 

3) धार्मिक एंव सांस्कृतिक कारक :

क) धार्मिक कारक :- धार्मिक कारणों से लोग अपने देश छोड़ने को मजबूर हो जाते है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों को यूरोप छोड़कर रेगिस्तान क्षेत्र में नया देश इजराइल बसाना पड़ा था। इसी प्रकार दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद नीति के कारण जनसंख्या का वितरण प्रभावित हुआ है। 

ख) राजनैतिक कारक :- किसी देश में गृह युद्ध, अशांति आदि के कारण भी जनसंख्या वितरण पर प्रभाव पड़ता है उदाहरण के लिए, फारस की खाड़ी का युद्ध, श्रीलंका में जातीय संघर्ष आदि के कारण जनसंख्या का पलायन हुआ। 

प्रश्न 38. किसी देश की जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ने पर वहाँ आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है ? 

उत्तर : जनसंख्या की तीव्र वृद्धि के कारण अनेक प्रकार की आर्थिक और सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है : 

1. भोजन की समस्या :- तीव्र गति से जनसंख्या की वृद्धि के कारण भोजन पदार्थों की आवश्यकता की पूर्ति कठिन हो जाती है। 

2. आवास की समस्या :- बढती जनसंख्या के कारण निवास स्थानों की कमी होती जा रही है। लाखों लोग झुग्गी तथा झोपड़ी में निवास करते हैं। 

3. बेरोज़गारी:-जनसंख्या वृद्धि के कारण बेकारी एक गंभीर समस्या के रूप में उभर कर सामने आई है। आर्थिक विकास कम हो जाने से रोज़गार के अवसर कम हो जाते हैं और बेरोज़गारी बढ़ जाती है। 

4. निम्न जीवन स्तर : अधिक जनसंख्या के कारण प्रति व्यक्ति आय कम हो जाती है इसलिए स्तर गिर जाता है। 

5. जनसंख्या का कृषि पर अधिक दबाव : बढ़ती जनसंख्या को खाद्यान्नों की पूर्ति करने के लिए कृषि योग्य भूमि पर दबाव बढ़ जाता है।

6. बचत में कमी : जनसंख्या वृद्धि के कारण कीमतें बढ़ जाती है तथा बचत कम होती है। 

7. स्वास्थ्य : नगरों में गन्दगी बढ़ जाती है स्वास्थ्य और सफाई का स्तर नीचे गिर जाता है। 

प्रश्न 39. जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत क्या है? जनांकिकीय संक्रमण अवस्थाओं को चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान लगाने में मदद करता है। इस सिद्धांत के अनुसार जैसे-जैसे कोई देश या समाज ग्रामीण खेतीहर और अशिक्षित में उन्नति करके नगरीय औद्योगिक और साक्षर बनता है तो उस समाज में उच्च जन्म व उच्च मृत्युदर से निम्न जन्म व निम्न मृत्युदर की स्थिति आने लगती है ये परिवर्तन विभिन्न अवस्थाओं में होते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से जनांकिकीय चक्र कहते हैं।

 ये अवस्थाएँ निम्न प्रकार हैं:- 

प्रथम अवस्था : प्रथम अवस्था में उच्च जन्मदर और उच्च मृत्युदर होती है। जनसंख्या वृद्धि धीमी होती है और अधिकतम लोग प्राथमिक व्यवसाय में लोग होते हैं। बड़े परिवार संपत्ति माने जाते हैं जीवन प्रत्याशा निम्न होती है। 

द्वितीय अवस्था : इस अवस्था में आरंभ में उच्च जन्मदर बनी रहती है किन्तु समय के साथ घटती है। इस अवस्था में मृत्युदर घट जाती है। जन्मदर व मृत्युदर में अंतर के कारण जनसंख्या तेजी से बढ़ती है। बाद में घटने लगती है। 

तृतीय अवस्था :-इस अवस्था में जन्म दर तथा मृत्युदर बहुत कम हो जाती है। लगभग संतुलन की स्थिति होती है। जनसंख्या या तो स्थिर हो जाती है अथवा बहुत कम वृद्धि होती है। इस अवस्था में जनसंख्या शिक्षित हो जाती है तथा तकनीकी ज्ञान के द्वारा विचार पूर्वक परिवार के आकार को नियंत्रित करती है।

प्रश्न 40. विश्व में बहुत अधिक क्षेत्रफल पर बहुत कम लोग व बहुत कम क्षेत्र पर बहुत अधिक लोग रहते है। "उदाहरणों सहित इस कथन की पुष्टि करो।

अथवा "विश्व में जनसंख्या वितरण का प्रतिरूप अपने आप में अनूठा है।" स्पष्ट करें। उत्तर : 1. विश्व की 90% जनसंख्या इसके 10% स्थल पर निवास करती है।

2. संयुक्त राज्य अमेरिका का पूर्वी भाग यूरोप का उत्तरी पश्चिमी भाग, दक्षिणी, दक्षिणी पूर्वी एशिया के क्षेत्र सर्वाधिक घनत्व वाले क्षेत्र है जहां 200 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मी. से भी अधिक लोग रहते हैं। 

3. उत्तरी व दक्षिणी ध्रुवों के निकट, उष्ण व शीत मरूस्थल व अधिक वर्षा वाले स्थानों का जनसंख्या घनत्व 1 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मी. से भी कम है। 

4. उत्तरी गोलार्ध में जनसंख्या अधिक तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में कम है क्योंकि द. गोलार्ध में स्थल भाग कम है।

5. संसार की अधिकांश जनसंख्या 5° उत्तरी अक्षांश से 45° उत्तरी अक्षांश के मध्य ही निवास करती हैं।

GEOGRAPHY NOTES FOR 12th CLASS

RAJENDRA MAHTO

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